सूक्ष्मजीवों का संसार – Bihar Board Class 8 Science Chapter 7 Notes

सूक्ष्मजीव ऐसे जीव होते हैं जिन्हें नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता। ये जीव हर जगह पाए जाते हैं, चाहे वह वायु हो, जल हो या मृदा। ये जीवन के विभिन्न रूपों में मौजूद होते हैं और हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में, हम Bihar Board Class 8 Science Chapter 7 Notes के आधार पर सूक्ष्मजीवों की दुनिया को समझेंगे।

Bihar Board Class 8 Science Chapter 7 Notes-सूक्ष्मजीवों का संसार

सूक्ष्मजीवों के प्रकार:- सूक्ष्मजीवों को उनकी संरचना और कार्य के आधार पर विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

  • बैक्टीरिया: बैक्टीरिया सबसे सरल और प्राचीन जीव होते हैं। इनका आकार बहुत छोटा होता है और ये एकल-कोशिकीय होते हैं।
    बैक्टीरिया का मुख्य कार्य खाद्य पदार्थों का अपघटन करना और नाइट्रोजन को वातावरण से अवशोषित करना है।
    कुछ बैक्टीरिया मानव शरीर के लिए लाभकारी होते हैं, जैसे कि आंतों में पाये जाने वाले बैक्टीरिया, जो पाचन में सहायक होते हैं।
  • वायरस: वायरस अकोशिकीय होते हैं और इन्हें जीवित रहने के लिए किसी जीवित कोशिका की आवश्यकता होती है।
    ये जीवों में बीमारियां फैलाने के लिए जाने जाते हैं। उदाहरण के लिए, फ्लू, एड्स और कोविड-19 जैसी बीमारियां वायरस के कारण होती हैं।
  • फफूंद: फफूंद बहुकोशिकीय और विषमपोषी होते हैं। वे मृत और सड़ी-गली वस्तुओं पर पनपते हैं।
    फफूंद का उपयोग कई खाद्य पदार्थों जैसे पनीर और ब्रेड बनाने में किया जाता है।
    हालांकि, कुछ फफूंद जैसे एस्परजिलस और कैन्डिडा मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • प्रोटोजोआ: प्रोटोजोआ एकल-कोशिकीय जीव होते हैं जो जल में, मृदा में और यहां तक कि मानव शरीर के अंदर भी पाए जाते हैं।
    मलेरिया और अमीबायसिस जैसी बीमारियां प्रोटोजोआ के कारण होती हैं।

सूक्ष्मजीवों का उपयोग:- सूक्ष्मजीवों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है:

  • खाद्य उद्योग: सूक्ष्मजीवों का उपयोग दूध से दही और चीज बनाने में किया जाता है।
    यीस्ट का उपयोग ब्रेड, शराब और बीयर के निर्माण में किया जाता है।
  • चिकित्सा क्षेत्र: एंटीबायोटिक्स, जैसे कि पेनिसिलिन, सूक्ष्मजीवों से प्राप्त की जाती हैं और ये विभिन्न रोगों के उपचार में सहायक होती हैं।
  • कृषि क्षेत्र: बैक्टीरिया और फफूंद का उपयोग जैविक खाद बनाने में किया जाता है, जो मृदा की उर्वरता बढ़ाने में मदद करता है।
    कुछ बैक्टीरिया जैसे राइजोबियम, पौधों के साथ सहजीवी संबंध बनाकर नाइट्रोजन को अवशोषित करते हैं, जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक होता है।
  • पारिस्थितिकी संतुलन: सूक्ष्मजीव पर्यावरण में जैविक कचरे को अपघटित करके उसे मृदा में परिवर्तित करने में सहायक होते हैं।
    वे पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा चक्रण और पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सूक्ष्मजीवों से होने वाले नुकसान:- हालांकि सूक्ष्मजीवों के कई लाभ हैं, लेकिन वे कई बार हानिकारक भी हो सकते हैं:

  • रोगजनक सूक्ष्मजीव: कुछ सूक्ष्मजीव मानव, पौधों और जानवरों में बीमारियां फैलाते हैं। उदाहरण के लिए, प्लेग, तपेदिक, मलेरिया आदि।
  • खाद्य पदार्थों का खराब होना: सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति से खाद्य पदार्थ जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा पर असर पड़ता है।
  • पानी और वायु प्रदूषण: सूक्ष्मजीवों के कारण जल और वायु प्रदूषण भी होता है, जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

सूक्ष्मजीवों की उपयोगिता और नियंत्रण:- सूक्ष्मजीवों की उपयोगिता को समझने के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि हम उनके द्वारा होने वाले खतरों से बचने के उपायों को भी जानें:

  • स्वच्छता का पालन: नियमित हाथ धोने और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है।
    खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें ढककर और फ्रिज में रखना चाहिए।
  • टीकाकरण: विभिन्न रोगों से बचाव के लिए समय-समय पर टीकाकरण कराना चाहिए।
    बच्चों को बचपन में टीके लगवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वे रोगों से सुरक्षित रहें।
  • पानी का शुद्धिकरण: दूषित पानी पीने से कई रोग फैल सकते हैं, इसलिए पानी को उबालकर या फिल्टर करके पीना चाहिए।
    जलस्रोतों की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए और उन्हें प्रदूषित होने से बचाना चाहिए।

निष्कर्ष

सूक्ष्मजीव हमारे जीवन के अनिवार्य हिस्से हैं, जो कई तरीकों से हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। बिहार बोर्ड कक्षा 8 विज्ञान के अध्याय 7 के इस लेख में, हमने सूक्ष्मजीवों के विभिन्न प्रकारों, उनके लाभ और हानियों, और उनसे संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को समझा। सूक्ष्मजीवों की जानकारी और उनके नियंत्रण के उपायों को समझकर हम अपने जीवन को बेहतर और स्वस्थ बना सकते हैं।

मुख्य बिंदु

  • सूक्ष्मजीवों के प्रकार: बैक्टीरिया, वायरस, फफूंद, और प्रोटोजोआ।
  • सूक्ष्मजीवों का उपयोग: खाद्य उद्योग, चिकित्सा, कृषि, और पारिस्थितिकी संतुलन।
  • सूक्ष्मजीवों से होने वाले नुकसान: रोग, खाद्य पदार्थों का खराब होना, और प्रदूषण।
  • सूक्ष्मजीवों का नियंत्रण: स्वच्छता, टीकाकरण, और पानी का शुद्धिकरण।

निष्कर्ष (दोबारा)

इस अध्याय के माध्यम से विद्यार्थियों को सूक्ष्मजीवों के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त होती है। यह जानकारी न केवल उनके विज्ञान के ज्ञान को बढ़ाती है बल्कि उन्हें जीवन में स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व को समझने में भी मदद करती है।

इस लेख में दी गई जानकारी Bihar Board Class 8 Science की पाठ्यपुस्तक और अन्य प्रामाणिक स्रोतों पर आधारित है। आशा है कि यह लेख आपके अध्ययन में सहायक सिद्ध होगा।

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