कक्षा 8 हमारी दुनिया अध्याय 1 संसाधन – Bihar Board class 8 social science chapter 1 Notes

प्राकृतिक संसाधन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। हमारी सभी आवश्यकताएं, चाहे वह भोजन, कपड़े, आवास, या ऊर्जा हो, प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करती हैं। संसाधनों का सही उपयोग और संरक्षण, मानव समाज के विकास के लिए आवश्यक है।

Bihar Board class 8 social science chapter 1 Notes

Bihar Board class 8 social science chapter 1 Notes , संसाधनों के महत्व, उनके प्रकार और उपयोग की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। इस लेख में हम इस अध्याय के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

Bihar Board class 8 social science chapter 1 Notes-कक्षा 8 हमारी दुनिया अध्याय 1 संसाधन

संसाधन प्रकार:- संसाधन वे वस्तुएं होती हैं, जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोगी होती हैं। यह प्राकृतिक रूप से प्राप्त होती हैं और हम इनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए करते हैं। उदाहरण के लिए, जल, मिट्टी, खनिज, वनस्पति, और ऊर्जा स्रोत सभी संसाधनों के अंतर्गत आते हैं।

संसाधनों को तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources): प्राकृतिक संसाधन वे होते हैं जो हमें प्रकृति से प्राप्त होते हैं, जैसे जल, मिट्टी, वायु, वन, और खनिज। इनका निर्माण मनुष्य द्वारा नहीं किया जाता, बल्कि ये प्रकृति में स्वतः उत्पन्न होते हैं।

उदाहरण:

  • जल – पीने, सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए।
  • खनिज – धातु निर्माण, उद्योग और ऊर्जा उत्पादन के लिए।

मानव निर्मित संसाधन (Man-made Resources): ये संसाधन मानव द्वारा बनाए जाते हैं, जैसे इमारतें, सड़के, वाहन, और मशीनें। ये संसाधन तब बनते हैं जब प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके मनुष्य कुछ नया निर्माण करता है।

उदाहरण:

  • सड़के – यातायात और परिवहन के लिए।
  • कारखाने – औद्योगिक उत्पादन के लिए।

मानव संसाधन (Human Resources): मानव संसाधन में मनुष्य की बुद्धिमत्ता, कौशल, और श्रम शामिल होते हैं। यह संसाधन समाज के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। जब मनुष्य अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करता है, तब वह संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सकता है।

उदाहरण:

शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर आदि।

संसाधनों का वर्गीकरण:- संसाधनों को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है:

उत्पत्ति के आधार पर:

  • अजैविक संसाधन: ये संसाधन निर्जीव होते हैं, जैसे कि जल, खनिज, हवा।
  • जैविक संसाधन: ये संसाधन जीवित होते हैं, जैसे कि पेड़, पशु, कृषि उत्पाद।

नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधन:

  • नवीकरणीय संसाधन: ये संसाधन पुनः उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे सूर्य की ऊर्जा, वायु, और जल। इनका उपयोग करने पर भी ये समाप्त नहीं होते हैं।
  • अनवीकरणीय संसाधन: ये संसाधन एक बार समाप्त हो जाएं तो पुनः उत्पन्न नहीं होते, जैसे कि कोयला, पेट्रोलियम, और प्राकृतिक गैस।

संसाधनों का महत्व

  • आर्थिक विकास में योगदान: संसाधन किसी भी देश के आर्थिक विकास के मुख्य स्तंभ होते हैं। खनिज, वन, और जल जैसे संसाधन उद्योगों के विकास में सहायक होते हैं, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • मानव जीवन में उपयोग: हर रोज़ के जीवन में हम जिन वस्तुओं का उपयोग करते हैं, वे किसी न किसी संसाधन से प्राप्त होती हैं। चाहे वह जल हो, ऊर्जा हो, या कृषि उत्पाद हो, सभी संसाधन हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा हैं।
  • पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना: प्राकृतिक संसाधन, जैसे वन और जल, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वृक्ष वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाता है।

संसाधनों का संरक्षण:- संसाधनों का संरक्षण हमारे भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। कुछ संसाधन सीमित मात्रा में होते हैं और यदि उनका अत्यधिक उपयोग किया जाए तो वे समाप्त हो सकते हैं। इसलिए, हमें संसाधनों का संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए।

संसाधन संरक्षण के कुछ उपाय:

  • पुनः उपयोग: संसाधनों का पुनः उपयोग करने से उनकी बर्बादी कम होती है। उदाहरण के लिए, पुराने कागज, धातु, और प्लास्टिक का पुनः उपयोग किया जा सकता है।
  • पुनर्चक्रण: पुनर्चक्रण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पुराने उत्पादों को पुनः नए उत्पादों में बदल दिया जाता है। इससे न केवल संसाधनों की बचत होती है, बल्कि पर्यावरण पर भी कम दबाव पड़ता है।
  • उर्जा संरक्षण: ऊर्जा संसाधनों, जैसे पेट्रोल, डीजल, और कोयला, का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए। ऊर्जा संरक्षण के लिए हमें वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा, का उपयोग बढ़ाना चाहिए।
  • जल संरक्षण: जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। जल की बचत के लिए हमें पानी के सही उपयोग पर ध्यान देना चाहिए और इसे बर्बाद होने से बचाना चाहिए। सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए जिससे जल की कम खपत हो।

संसाधनों का असमान वितरण:- संसाधन पृथ्वी पर समान रूप से वितरित नहीं हैं। कुछ स्थानों पर बहुत अधिक संसाधन उपलब्ध होते हैं, जबकि कुछ स्थानों पर इनकी कमी होती है। उदाहरण के लिए, खनिज संसाधन मुख्य रूप से कुछ विशेष क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं, जबकि अन्य स्थानों पर इनकी कमी होती है। इस असमान वितरण के कारण कई देशों के बीच विवाद भी उत्पन्न होते हैं। इसके अलावा, संसाधनों की कमी और अत्यधिक उपयोग के कारण पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

निष्कर्ष

संसाधन मानव समाज के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इनका सही और संतुलित उपयोग करना हमारी जिम्मेदारी है ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों की उपलब्धता बनी रहे। इस अध्याय में हमने संसाधनों के प्रकार, उनके महत्व, और उनके संरक्षण के उपायों पर चर्चा की। यह समझना आवश्यक है कि संसाधन सीमित हैं और इनका विवेकपूर्ण उपयोग ही हमारे भविष्य को सुरक्षित रख सकता है।

इस प्रकार, “Bihar Board Class 8 Social Science Chapter 1 Notes” के अंतर्गत संसाधनों के विभिन्न पहलुओं को समझकर हम अपने जीवन में उनके महत्व और संरक्षण के महत्व को समझ सकते हैं।

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