अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव – BSEB class 8 social science history chapter 10 notes

अंग्रेजी शासन के दौरान भारत में न केवल राजनीतिक और आर्थिक बदलाव हुए, बल्कि समाज और शहरीकरण में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिले। अंग्रेजों की उपनिवेशवादी नीतियों ने भारतीय शहरों के विकास को एक नई दिशा दी।

BSEB class 8 social science history chapter 10 notes

Bihar Board Class 8 History Chapter 10 Notes” के अनुसार, अंग्रेजी शासन के अधीन भारत में शहरी बदलाव ने देश की सामाजिक संरचना, आर्थिक प्रणाली, और जनसंख्या के वितरण पर गहरा प्रभाव डाला।

BSEB class 8 social science history chapter 10 notes-अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव

भारत में शहरीकरण का प्रारंभ:- अंग्रेजी शासन से पहले भारत का शहरीकरण मुख्यतः प्राचीन और मध्यकालीन शहरों तक सीमित था। इनमें से अधिकांश शहर व्यापार, धार्मिक, और प्रशासनिक केंद्र थे। अंग्रेजी शासन के आगमन के साथ ही भारत में नए प्रकार के शहरों का विकास होने लगा, जो अंग्रेजी नीतियों और आर्थिक उद्देश्यों से प्रेरित थे।

प्रारंभिक शहरी केंद्र

  • प्राचीन शहर: वाराणसी, पाटलिपुत्र, उज्जैन, मदुरै जैसे शहर प्राचीन काल से ही धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र थे।
  • मध्यकालीन शहर: दिल्ली, आगरा, लाहौर, और हैदराबाद जैसे शहर मुगल शासन के दौरान प्रमुख व्यापार और प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित हुए थे।
  • ब्रिटिश शासन के तहत नए शहरी केंद्र: ब्रिटिशों ने अपने प्रशासनिक और आर्थिक लाभ के लिए नए शहरी केंद्रों का विकास किया। इनमें से अधिकांश शहर समुद्री बंदरगाहों और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण थे, जैसे कि मुंबई, मद्रास, और कोलकाता। इन शहरों ने धीरे-धीरे भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख केंद्रों के रूप में अपनी पहचान बनाई।

अंग्रेजों की शहरी नीतियाँ:- अंग्रेजी शासन के दौरान भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया अंग्रेजों की विभिन्न नीतियों पर आधारित थी। ये नीतियाँ मुख्यतः आर्थिक, प्रशासनिक, और सैन्य उद्देश्यों के लिए लागू की गई थीं।

  • व्यापार और आर्थिक नीतियाँ: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में व्यापारिक उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए नए शहरों और बंदरगाहों का विकास किया। कोलकाता, मुंबई, और मद्रास जैसे शहर प्रमुख व्यापारिक केंद्र बन गए। इन शहरों के विकास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक व्यापार प्रणाली से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • प्रशासनिक केंद्रों का विकास: अंग्रेजों ने भारत में अपने प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए नए प्रशासनिक शहरों का निर्माण किया। इन शहरों को मुख्यतः सैन्य और प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए विकसित किया गया था। दिल्ली, लखनऊ, और शिमला जैसे शहर प्रशासनिक केंद्र बन गए।
  • रेलवे और संचार नेटवर्क का विकास: अंग्रेजों ने भारत में शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए रेलवे और संचार नेटवर्क का विस्तार किया। रेलवे के माध्यम से शहरों को जोड़कर न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला, बल्कि शहरीकरण की प्रक्रिया भी तेज हुई। नए रेलमार्गों ने छोटे कस्बों को भी विकसित किया और उन्हें बड़े शहरों से जोड़ा।

शहरी बदलाव के प्रमुख कारण:- अंग्रेजी शासन के तहत शहरी बदलाव का मुख्य कारण आर्थिक, प्रशासनिक, और सामाजिक सुधार थे। ब्रिटिश नीतियों के कारण शहरों का विकास हुआ, जो मुख्यतः निम्नलिखित कारकों पर आधारित थे:

  • औद्योगीकरण: ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में औद्योगीकरण की प्रक्रिया ने शहरों के विकास को गति दी। अंग्रेजों ने भारत में कई उद्योगों की स्थापना की, जिनमें कपड़ा, लौह और इस्पात उद्योग प्रमुख थे। इन उद्योगों के कारण शहरों में रोजगार के अवसर बढ़े, जिससे ग्रामीण जनसंख्या शहरों की ओर आकर्षित हुई।
  • कृषि से उद्योग की ओर बदलाव: अंग्रेजी नीतियों के कारण भारतीय समाज में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से उद्योग आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव हुआ। इस बदलाव ने शहरों को आर्थिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्रों में बदल दिया। लोग रोजगार की तलाश में गाँवों से शहरों की ओर पलायन करने लगे।
  • जनसंख्या वृद्धि: अंग्रेजी शासन के दौरान भारत की जनसंख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई, जिसके कारण शहरों पर जनसंख्या का दबाव बढ़ा। ब्रिटिश नीतियों के तहत कृषि सुधारों के कारण कृषि उत्पादकता बढ़ी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी में वृद्धि हुई और शहरीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई।
  • प्रशासनिक सुधार: ब्रिटिशों ने भारत में अपने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए कई सुधार किए। उन्होंने शहरों में पुलिस, न्यायालय, और प्रशासनिक कार्यालयों की स्थापना की, जिससे शहरी विकास को बढ़ावा मिला। प्रशासनिक सुधारों ने शहरों को अधिक संगठित और सुव्यवस्थित बनाया।

शहरी बदलाव के प्रभाव:- अंग्रेजी शासन के तहत शहरी बदलाव ने भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला। इस बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पक्ष थे।

  • आर्थिक प्रभाव: व्यापार और उद्योग में वृद्धि: शहरीकरण के कारण भारत में व्यापार और उद्योग का विकास हुआ। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा हुए और भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव आया।
  • मजदूर वर्ग का विकास: शहरों में उद्योगों के विकास के साथ मजदूर वर्ग का उदय हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में आकर मजदूरों ने उद्योगों में काम करना शुरू किया, जिससे शहरी जनसंख्या में वृद्धि हुई।
  • सामाजिक प्रभाव: शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विकास: अंग्रेजी शासन के दौरान शहरों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का भी विकास हुआ। अंग्रेजों ने भारत में आधुनिक शिक्षा प्रणाली की शुरुआत की और अस्पतालों का निर्माण किया।
  • नए सामाजिक वर्गों का उदय: शहरीकरण के कारण भारतीय समाज में नए सामाजिक वर्गों का उदय हुआ, जैसे कि मध्य वर्ग और मजदूर वर्ग। अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त भारतीयों ने धीरे-धीरे समाज में एक नया बौद्धिक वर्ग तैयार किया, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • नकारात्मक प्रभाव: शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या का दबाव: शहरीकरण के कारण शहरों में जनसंख्या का अत्यधिक दबाव बढ़ा, जिससे शहरों में रहने की सुविधाओं की कमी हो गई। आवास, स्वच्छता, और पेयजल जैसी समस्याएँ बढ़ गईं।
  • पर्यावरणीय समस्याएँ: औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण पर्यावरणीय समस्याएँ भी बढ़ीं। शहरों में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, और कचरे की समस्या ने लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला।
  • प्रमुख शहरों का विकास
  • अंग्रेजी शासन के दौरान भारत में कई शहरों का पुनर्निर्माण और विकास हुआ। इनमें से कुछ प्रमुख शहर थे:
  • कोलकाता (कलकत्ता): कोलकाता ब्रिटिश शासन के तहत भारत का पहला व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र बना। ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता को अपने मुख्यालय के रूप में चुना और शहर को आधुनिक बंदरगाह के रूप में विकसित किया। कोलकाता में कई उद्योगों और व्यवसायों की स्थापना हुई, जिससे यह भारत के प्रमुख शहरी केंद्रों में से एक बन गया।
  • मुंबई (बॉम्बे): मुंबई ब्रिटिश शासन के दौरान एक प्रमुख व्यापारिक बंदरगाह और औद्योगिक शहर के रूप में उभरा। मुंबई में अंग्रेजों ने जहाजरानी, कपड़ा, और अन्य उद्योगों को विकसित किया। इसके अलावा, मुंबई ने धीरे-धीरे भारतीय सिनेमा और मीडिया का भी केंद्र बनना शुरू किया।
  • दिल्ली: दिल्ली ब्रिटिश शासन के दौरान एक प्रमुख प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ। 1911 में राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे दिल्ली का महत्व और बढ़ गया। दिल्ली में अंग्रेजों ने नई प्रशासनिक इमारतों और औपनिवेशिक स्थापत्य कला का विकास किया।

निष्कर्ष
Bihar Board Class 8 History Chapter 10 Notes” के अनुसार, अंग्रेजी शासन के तहत भारत में शहरी बदलाव ने समाज, अर्थव्यवस्था, और प्रशासनिक ढांचे पर गहरा प्रभाव डाला। शहरीकरण ने न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया, बल्कि भारतीय समाज में नए वर्गों का उदय भी किया। हालांकि, शहरीकरण के कारण कुछ समस्याएँ भी उत्पन्न हुईं, जैसे जनसंख्या का दबाव और पर्यावरणीय समस्याएँ। अंग्रेजी शासन के तहत भारत में जो शहरी बदलाव हुए, उन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी और इसे एक नई दिशा दी।

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